अमेरिका की आंख में आंख डालकर भारत ने दिया जवाब

मानवाधिकार पर ज्ञान देने वाले अमेरिका पर पलटवार

भारत में मानवाधिकार के उल्लंघन की घटनाओं को लेकर की गई अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन की टिप्पणी की खूब चर्चा हुई। हालांकि इस पर दिए गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के जवाब की भी में देशभर में खूब प्रशंसा की जा रहे हैं।

अमेरिकी दबाव के सामने बेफिक्र और अधिक मुहूर्त के विवादास्पद मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रख रहा है । हाल ही में अमेरिका द्वारा उठाए गए भारत में मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत ने पलटवार किया है, और वॉशिंगटन को ही सुना दिया है।

अमेरिका ने कहा था कि वह भारत में मानव अधिकार के मामलों को लेकर चिंतित है। इसके जवाब में विदेश मंत्री से शंकर ने साफ शब्दों में कहा, कि दिल्ली में आपके यहां की चिंता करता है। विदेश मंत्री ऐसे शंकर ने कहा कि जब खास तौर पर अमेरिका में भारतीय समुदाय के मानवाधिकार के बात आएगी तो हम चुप नहीं रहेंगे।

जयशंकर के बयान को न्यूयॉर्क में सिख समुदाय के 2 लोगों पर हमले से जोड़कर देखा जा रहा है यह पहला मौका था, जब भारत को अक्सर नसीहत देने वाले अमेरिका को इस तरह से जवाब में फजीहत झेलनी पड़ी है। अमेरिका को आईना दिखाने पर एस जयशंकर की कूटनीतिक हलकों में जमकर तारीफ हो रही है। इससे पहले हथियार और तेल की खरीद पर भी अमेरिका एवं यूरोपीय देशों को एस जयशंकर खरी-खरी सुना चुके हैं।

जयशंकर ने दिया जवाब : जयशंकर ने पर एक प्रेसवार्ता में बताया लोगों को हमारे बारे में राय रखने का अधिकार है, हमें भी उतना ही अधिकार है, कि उनकी राय उसके पीछे के हित और उसे बनाने वाले लोगों और वोट बैंक पर अपनी राय रखें। तो इस पर जब भी कभी चर्चा होगी मैं आपको बता सकता हूं कि हम अपनी पूरी बात रखेंगे। जयशंकर ने आगे कहा, हम भी दूसरे देशों में मानवाधिकार की स्थिति बनाए रखते हैं और इसमें अमेरिका भी शामिल है। जब भी इस देश में मानवाधिकार का कोई मुद्दा सामने आता है हम उठाते हैं। विशेष रूप से जब वह हमारे समुदाय का हो, बल्कि कल ही एक मामला आया था हमारा इस पर यही रुख है।

माना जा रहा है कि वह 12 अप्रैल को न्यूयॉर्क में हुई एक नफरती घटना की बात कर रहे थे, जिसमें सुबह की सैर पर निकले सिख समुदाय के दो व्यक्तियों पर हमला किया गया। उसी जगह पर करीब 10 दिनों पहले एक और व्यक्ति पर हमला किया गया था। भारत देश में नागरिक अधिकारों को लेकर विदेशी सरकारों और मानवाधिकार समूह द्वारा लगाए गए आरोपों को पहले ही खारिज कर चुका है।

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